|
Government of Madhya Pradesh
(Federal/State Govt. / Local Govt./Govt. Bodies)
Bhopal
INDIA
|
Power News
|
|
किसान कॉल सेन्टर के माध्यम से 4 लाख किसानों की समस्याओं का समाधान किसान कॉल सेन्टर के माध्यम से अब तक करीब 4 लाख किसानों को अपनी समस्याओं का समाधान मिला है। इस सेन्टर के माध्यम से विगत 31 माह में दो लाख 15 हजार 393 किसानों की कृषि संबंधी समस्याओं का समाधान किया गया। उद्यानिकी के क्षेत्र में एक लाख 15 हजार 344 कृषकों को, पशुपालन के क्षेत्र में 15 हजार 816 किसानों की एवं 46 हजार 103 किसानों को शासन की जन-कल्याणकारी योजनाओं और मण्डी रेट संबंधी जानकारी दी गई।
किसानों की कृषि संबंधी समस्याओं के समाधान के लिये किसान कल्याण तथा कृषि विभाग मध्यप्रदेश द्वारा इंडियन सोसायटी ऑफ एग्री बिजनेस प्रोफैशनल्स (आईसेप) के तकनीकी सहयोग से राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत स्थापित मध्यप्रदेश किसान कॉल सेन्टर गंगोत्री भवन टी.टी. नगर में स्थित है। यह भारत में प्रदेश स्तर का एक अनूठा व एकमात्र किसान कॉल सेन्टर है। इस केन्द्र में 30 विषय-विशेषज्ञ कार्यरत हैं। मध्यप्रदेश में किसान कॉल सेन्टर कृषकों की खेती-किसानी की समस्याओं के निराकरण एवं उचित समाधान में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
राज्य में बोई जाने वाली विभिन्न फसलों की वृद्धि, कार्यसूची से लेकर फसलों में लगने वाले कीटव्याधि तथा रोगों से बचाव एवं उपचार के लिये सही पौध संरक्षण औषधियों का चुनाव, उनकी मांग एवं उसमें मिलने योग्य पानी की मात्रा की सही जानकारी कृषकों को सतत सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे तक कॉल सेन्टर में विशेषज्ञों द्वारा उपलब्ध कराई जा रही है।
रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग किये जाने के फलस्वरूप फसलों में उसके कुप्रभाव के संबंध में भी कॉल सेन्टर द्वारा कृषकों से हुए वार्तालाप में उनका ध्यान आकर्षित किया जा रहा है। मृदा में घटती उर्वरकता तथा जल प्रदूषण की बढ़ोत्तरी से भी कृषकों को अवगत कराया जा रहा है। किसानों को जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है ताकि मृदा की उर्वरकता बनी रह सके। कृषि विभाग एवं उद्यानिकी विभाग के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं/कार्यक्रमों से भी कृषकों को अवगत कराकर उसमें शासन द्वारा दिये जा रहे अनुदान का लाभ लिये जाने के लिये कृषकों को सामूहिक जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। कृषकों को खेती को लाभ का धंधा बनाये जाने के परिवेश में रासायनिक आधारित दवाईयों का उपयोग कम से कम कर यौगिक एवं कृषकों द्वारा स्वयं से तैयार कर वानस्पतिक आधारित जैविक कीटनाशकों के उपयोग की मानसिकता बनाने के लिये उत्साहित किया जा रहा है। जैविक कीटनाशकों को तैयार करने गौमूत्र/मठ्ठा/नीम की पत्ती/ अन्य वनस्पतियों की पत्तियों की आवश्यकता होगी जो कि गांवों में कृषकों के पास प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है। बस जरूरत इस बात की है कि कृषक जैविक कीटनाशक डालने के प्रति अपनी इच्छाशक्ति उत्पन्न कर अपनी मानसिकता बनायें एवं थोड़ा परिश्रम कर दवाईयों को स्वयं तैयार करें। मध्यप्रदेश में किसान कॉल सेन्टर द्वारा किसानों को रबी फसलों की उचित कटाई, गहाई एवं भण्डारण के तरीकों से भी अवगत कराया जा रहा है। इस किसान कॉल सेन्टर का टोल फ्री नम्बर 1800-233-4433 है।
source:mpinfo.org |
|
|
|